पुरुषों में गुप्त रोग को अक्सर उनके द्वारा सामने लाने में उन्हें शर्म महसूस होती है, जबकि वह नहीं जानते की उनके द्वारा इसको छुपाना उनके शरीर के साथ उनके विवाहित जीवन को भी काफी प्रभावित कर सकते है। इसके अलावा आज के लेख के माध्यम से हम जानेगे की आखिर पुरुषों में उत्पन्न हुए आठ गुप्त रोग को कैसे पहचाना जा सकता है और उसका इलाज आयुर्वेद में किस तरह से किया जाता है ;
चलिए जानते है की पुरषो में आठ तरह के गुप्त रोग कौन-से है ?
- पुरुषों में गुप्त रोग में ‘नपुंसकता’ सबसे पहले नंबर पर आती है और इसका अर्थ है सम्भोग के लिए पर्याप्त इरेक्शन का न होना या इरेक्शन को बनाये रखने में समस्या का सामना करना। वहीं कई पुरुषों को जीवन में कभी न कभी यह समस्या अवश्य होती है। यह समस्या अधिक उम्र के पुरुषों में बेहद सामान्य है। इसके कारण शारीरिक और साइकोलॉजिकल दोनों हो सकते है। जैसे कोई बीमारी, अधिक उम्र, दवाईयां, तनाव आदि।
- सेक्स में रूचि का कम होना या इसको खो देना बहुत सामान्य समस्या है। इसका कोई मुख्य कारण भी नहीं होता। पुरुषों की कामेच्छा रिश्ते के सुधरने, अच्छा स्वास्थ्य, फिटनेस या आराम आदि से बढ़ सकती है। लेकिन अपने पार्टनर के साथ रिश्ता अच्छा न होना, तनाव, अधिक काम या समस्याओं के कारण यह इच्छा कम हो सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए पार्टनर का प्यार और सहयोग होना आवश्यक है।
- शीघ्रपतन, पुरुषों में असामान्य बीमारी नहीं है। इस समस्या का सामना भी जीवन में पुरुष कभी न कभी करते है। कम उम्र के पुरुषों में यह समस्या अधिक देखी जा सकती है। वहीं इस समस्या का कोई निश्चित समय नहीं है कि सेक्स के दौरान वीर्यस्खलन कब होना चाहिए। लेकिन, शीघ्रपतन उसे कह सकते है, जब सम्भोग के कुछ देर या सेकंड्स में ही वीर्यस्खलन हो जाए। हालांकि, कभी-कभी ऐसा होना चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर ऐसा नियमित रूप से हो तो यह बड़ी समस्या आपके लिए खड़ी कर सकते है।
- कुछ पुरुष बिना वीर्यस्खलन के ही ऑर्गैज्म प्राप्त कर लेते है। वहीं उनमें वीर्यस्खलन की इच्छा तो होती है लेकिन वीर्य नहीं निकलता।
- इसके अलावा कुछ पुरुष ऐसा महसूस करते है कि वो बहुत अधिक देर तक उत्तेजित होने के बाद ही ऑर्गैज्म तक पहुंचते है, जबकि उनकी इच्छाएं और इरेक्शन सामान्य होते है। वहीं कुछ पुरुष वीर्यस्खलन भी नहीं कर पाते। वीर्यस्खलन में देरी अस्थायी या जीवन भर की समस्या हो सकती है। वहीं यह भी हो सकता है कि वीर्यस्खलन में देरी हो रही है, और आप 30 से 60 मिनट तक चाहने के बाद भी वीर्यस्खलन न कर पा रहे है।
- लिंग में अधिक देर तक इरेक्शन को प्रायापिज़्म (priapism) कहा जाता है। इस इरेक्शन का कारण यौन उत्तेजना भी हो सकती है। यह इरेक्शन बहुत दर्दनाक होता है और दो घंटे या इससे अधिक देर तक भी रह सकता है। प्रायापिज़्म आपातकालीन स्थिति है। अगर इसका इलाज सही समय पर न हो तो लिंग को नुकसान होने की संभावना बढ़ सकती है।
- टेस्टोस्टेरोन जोकि एक हार्मोन होते है पुरुषों के अंदर, जो पुरुषों के यौन अंगों का विकास करते है इसके साथ ही सेक्स की इच्छा को भी बढ़ाते है। टेस्टोस्टेरोन की मात्रा उम्र के बढ़ने के साथ कम हो जाती है। इनमे कमी के कुछ कारण है, जैसे – तनाव, नशे की लत, कोई बीमारी जैसे कैंसर, शरीर में आयरन की अधिक मात्रा आदि।
- धातु दोष, के कारण भी पुरुषों के यौन के हिस्से में कमी आ जाती है और इस कमजोरी के कारण उनके विवाहित जीवन पर भी बहुत गहरा असर पड़ता है।
इन गुप्त रोगों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आपको आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के संपर्क में जरूर आना चाहिए।
गुप्त रोग को कौन-सी आयुर्वेदिक दवाइयों की मदद से ठीक किया जा सकता है ?
- अगर आप भी चाहते है गुप्त रोग को ख़त्म करने के लिए तो आपको सबसे पहले तो सेब के मुरब्बे का सेवन करना चाहिए क्युकी ये यौन रोग का नाशक माना जाता है।
- वीर्य को ताकतवर बनाकर शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप अश्वगंधा का सेवन कर सकते है।
- सोंठ का सेवन करने से उदर रोग और शरीर की कमजोरी दूर होती है।
- छुहारे, का सेवन आपके यौन इच्छा और सेक्स करने की शक्ति को बढ़ाते है।
- इमली बीज, वीर्य के जल्दी गिरने के रोग तथा सेक्स करने की ताकत में बढ़ोतरी करते है।
- कौंच के बीज, का सेवन करने से नामर्दी दूर होती है।
- तालमखाना, यौन सम्बन्धी कमजोरी, शिथिलता, कामेच्छा की कमी जैसे रोग को खत्म कर देते है।
- जायफल, यौन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धिदायक है।
- अकरकरा, वीर्य का पतलापन दूर करते है।
- शुद्ध शिलाजीत, नवीन शुक्राणुओं का निर्माण कर वीर्य में बढोत्तरी करता है। 40 से अधिक उम्र वालों के लिए ये श्रेष्ठ है। पर शिलाजीत या अन्य औषधि का सेवन करने से पहले इसके बारे में बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर जानकरी लें।
- केसर, लिंग का ढ़ीलापन दूर कर नामर्दी को मिटाते है।
- इलायची, शरीर को ताकतवर बनाकर वीर्य को गाढ़ा करते है ।
- सफेद मुसली, नपुंसकता, स्वप्नदोष, धातु दोष आदि गुप्त रोगों का नाश करते है।
- गोखरू, सेक्स कार्य में अत्यंत शक्तिदायक ओषधि है।
- पिपली के सेवन से वीर्य में वृद्धि होती है।
- सालम मिश्री, यह वीर्य को ताकतवर बनाता है तथा सेक्स शक्ति में अधिकता लाते है।
गुप्त रोग के इलाज के लिए आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक में भी जा सकते है।
सुझाव :
पुरुषों को अपने अंदर के गुप्त रोग को ठीक करने के लिए संजीवनी हेल्थ सेंटर का चयन करना चाहिए।