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बवासीर एक व्यापक या फिर दूर तक फैली हुई बीमारी है, जो आम तौर पर, एक व्यक्ति के लिए दर्द का कारण बन सकती है और साथ ही में, उस व्यक्ति की रोजाना की गतिविधियों में रुकावट पैदा कर सकती है। बता दें, कि आज के समय में, आधुनिक चिकित्सा प्रगति प्रभावशाली उपचारों को प्रदान करती है, जो आमतौर पर, किसी पारंपरिक सर्जरी की जरूरत के बिना राहत प्रदान करने में काफी ज्यादा मदद करते हैं।
बवासीर जैसी समस्याओं के लिए लेज़र सर्जरी और रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफए) जैसी उन्नत प्रक्रियायों का इस्तेमाल किया जाता है। आम तौर पर, ये न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाएँ, मरीजों को कम से कम दर्द और साथ में बिना किसी कट या फिर टांके के बहुत ज्यादा जल्दी रिकवर होने में सहायता प्रदान करती है। ऐसे में सवाल यह उठता है, कि क्या वाकई लेज़र और आरएफए से बवासीर का दर्द रहित उपचार किया जा सकता है? तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में इस के डॉक्टर से विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।
बवासीर के लिए लेजर और आरएफए उपचार?
1. लेजर उपचार
आपको बता दें, कि लेज़र सर्जरी बवासीर के ऊतकों को बड़े ही ध्यान से और सही तरीके से निकालने के लिए एक केंद्रित प्रकाश किरण का इस्तेमाल करती है। आम तौर पर, इस तरह की सर्जरी में, पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम दर्द, काम से कम खून का बहाव और बहुत ज्यादा तेज रिकवरी होती है।
2. रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA)
रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA) स्थानिक बवासीर की समस्याओं के इलाक़ के लिए सबसे ज्यादा बढ़िया होता है। आपको बता दें, कि रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन, बवासीर की रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ने और सील करने के लिए लगातार रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करता है। आम तौर पर, यह अंदरूनी बवासीर (ग्रेड 1 से 3) के लिए विशेष रूप से प्रभावी होता है। और ऐसे मामलों में, इसको लगभग दर्द रहित होने के लिए ही जाना जाता है, जिसमें इस तरह की समस्या दुबारा से होने की सम्भावना काफी ज्यादा कम होती है।
दरअसल, रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA) प्रकिया और लेजर उपचार यह दोनों ही एक डे-केयर प्रक्रिया है, जिसका मतलब यह होता है, कि मरीज को ज्यादा समय के लिए हस्पताल में रुकना नहीं पड़ता है और वह उसी दिन अपने गर पर जा सकते हैं और साथ ही वह अपनी आम गतिविधियों में जल्दी वापस जा सकता है।
पारंपरिक सर्जरी के मुकाबले लेज़र और आरएफए के फायदे
1. इसमें किसी भी तरह का कोई कट या फिर टांके नहीं होते।
2. जर्नल एनेस्थीसिया की कोई जरूरत नहीं होती।
3. इस प्रक्रिया में सिर्फ 15 से 30 मिनट तक का समय लगता है।
4. इलाज के बाद अस्पताल से उसी दिन छुट्टी मिल जाती है।
5. मरीज को इलाज के दौरान और बाद में कम से कम दर्द महसूस होता है।
लेज़र या आरएफए से किस को लाभ मिलता है?
आमतौर पर, यह प्रक्रियाएं ग्रेड 1 से 3 बवासीर वाले लोगों के लिए बहुत ही जायदा बढ़िया होती हैं। ख़ास करके जिसको यह अनुभव होता है:
1. मल त्याग के दौरान काफी ज्यादा रक्तस्राव होना।
2. गुदा क्षेत्र में दर्द या फिर खुजली का होना।
3. गुदा के पास सूजन या फिर गांठ होना।
4. लंबे समय तक बैठने में परेशानी महसूस है।
निष्कर्ष:
बवासीर एक व्यापक बीमारी है, जो दर्द का कारण और दैनिक गतिविधियों में रुकावट पैदा करती है। इस समस्या के इलाक़ के लिए लेज़र सर्जरी और रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन का इस्तेमाल किया जाता है। यह सच है, कि लेज़र सर्जरी और रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफए) दोनों प्रक्रियाएं दर्द रहित होती हैं। लेज़र और आरएफए जैसे आधुनिक उपचार आराम, सुरक्षा और शीघ्र स्वास्थ्य लाभ देने वाले होते हैं। लेज़र और आरएफए से बवासीर का दर्द रहित उपचार किया जाता है। यह दोनों प्रक्रियाएं, एक मरीज को कई तरह के फायदों को प्रदान करती हैं। अगर आप इसके बारे में ज्यादा जानकारी चाहते हैं और अगर आपको भी बवासीर जैसी कोई गंभीर समस्या और आप इसका इलाज ढूंढ रहे हैं, तो आप आज ही संजीवनी हेल्थ सेंटर में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
